New NCRT Rules जल्द ही देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अब 12वीं की फाइनल मार्कशीट में 9वीं, 10वीं और 11वीं के अंकों को भी जोड़ा जा सकता है। NCERT की नई संस्था ‘परख’ ने शिक्षा मंत्रालय को जून 2024 में एक रिपोर्ट सौंपते हुए ये सुझाव दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 9वीं से 11वीं तक के परिणामों को 12वीं की फाइनल मार्कशीट में शामिल किया जा सकता है।
रिपोर्ट में और क्या सुझाव दिए गए हैं?
देशभर के सभी शिक्षा बोर्ड्स के स्तर को बराबर लाने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें कुछ बोर्ड्स का मानना है कि 9वीं से 12वीं तक के लिए अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड होने चाहिए। उदाहरण के लिए, 10वीं की मार्कशीट में 9वीं के अंकों का 40% और 10वीं के अंकों का 60% वेटेज हो, जबकि 12वीं की फाइनल रिपोर्ट कार्ड में 11वीं के अंकों का 40% और 12वीं के अंकों का 60% वेटेज दिया जाए।
इसके अलावा, ‘परख’ ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी बोर्ड्स को हर विषय के लिए एक क्वेश्चन बैंक तैयार करना चाहिए। इस क्वेश्चन बैंक के आधार पर शिक्षक प्रश्न पत्र बनाएंगे। हर क्लास के सभी विषयों और गतिविधियों के लिए क्रेडिट मार्क्स के तौर पर मूल्यांकन करने का भी सुझाव दिया गया है। यहां तक कि स्टूडेंट्स की टाइम मैनेजमेंट जैसी स्किल्स और ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क में उनकी भागीदारी के लिए भी अंक दिए जाएं।
‘परख’ की भूमिका क्या होगी?
‘परख’ न सिर्फ इन सुझावों को लागू करने की सिफारिश कर रहा है, बल्कि वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि देशभर के सभी 69 शिक्षा बोर्ड्स में इन्हें सही तरीके से लागू किया जाए। इसमें सेंट्रल, स्टेट, ओपन स्कूल, मदरसा और संस्कृत बोर्ड्स शामिल हैं। इसका उद्देश्य है कि हर स्टूडेंट को जरूरी सुविधाएं मिलें, चाहे वह किसी भी बोर्ड से पढ़ाई कर रहा हो।
कुल मिलाकर, ‘परख’ की ये सिफारिशें छात्रों की शिक्षा को और व्यापक, समृद्ध और संतुलित बनाने की दिशा में एक कदम हो सकती हैं।